Tuesday, September 10, 2019

हिंदी की कविता

प्रेम है जैसे... ..
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"जैसे गोद में भूखे बच्चे को मां का दूध मिलता है
जैसे सूखी धरती पर पानी का छींटा पड़ता है...

जैसे मछली जल की रानी है, वाली मछली को पानी में जीवन मिलता है...

जैसे गिरते पसीनों की बूंदों पर , हवा सहलाती हो
जैसे खिलता हुआ फूल गमलों में दिखता है...

जैसे छींक आने पर किसी ने याद किया हो
जैसे डरता हुए बच्चे के सर पर हाथ फिरा हो..."

#बड़का_लेखक
#शिवम्


1 comment:

  1. आपके विचार अपेक्षित हैं🙏❤

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